समान नागरिक संहिता: महतà¥à¤µ और चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤

आदित्य शर्मा

Abstract


“समानता à¤à¤• कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ हो सकती है, लेकिन फिर भी इसे à¤à¤• गवरà¥à¤¨à¤¿à¤— सिदà¥à¤§à¤¾à¤¨à¥à¤¤ के रूप में सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° करना होगा।â€
डाॅ. भीमराव अमà¥à¤¬à¥‡à¤¡à¤•à¤°

समान नागरिक संहिता का अरà¥à¤¥:
समान नागरिक संहिता à¤à¤• धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤· कानून होता है जो सभी धरà¥à¤®à¥‹ के लोगो के लिये समान रूप से लागू होता है। दूसरें शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ में अलग-अलग धरà¥à¤®à¥‹ के लिये अलग - अलग वैयकà¥à¤¤à¤¿à¤• विधि का न होना ही समान नागरिक संहिता की मूल भावना है। à¤à¤¸à¥‡ कानून विशà¥à¤µ के कई देशों में लागू है। भारत मे रहने वाले हर नागरिक के लिये à¤à¤• समान कानून होना चाहिये। चाहे वह किसी भी धरà¥à¤® या जाति का कà¥à¤¯à¥‹ न हो। समान नागरिक संहिता के दायरे में निमà¥à¤¨ विषय हैः-
ऽ विवाह
ऽ तलाक
ऽ गà¥à¤œà¤¾à¤°à¤¾ भतà¥à¤¤à¤¾/भरण-पोषण
ऽ संतान गोद लेना
ऽ उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤§à¤¿à¤•à¤¾à¤°


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